कोरोना के लक्षणों में आइ-ब्रुफेन का नहीं बल्कि पेरासिटामोल का करें इस्तेमाल: WHO

कोरोना के लक्षणों में आइ-ब्रुफेन का नहीं बल्कि पेरासिटामोल का करें इस्तेमाल: WHO

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस इस समय काफी तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह से भारत में लॉकडाउन की स्थिति आ गई है। एक तरफ जहां इससे बचने के लिए लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग एडवाइजरी जारी करके इसके शुरुआती लक्षणों और इसके उपाय लोगों को बता रही है। शुरुआती लक्षणों में बुखार और शरीर में दर्द होना शुरु होता है। अगर आपको ऐसा कुछ लक्षण दिखाई दे तो आप तुंरत डॉक्टर के पास जाकर अपना चेकअप कराएं। वहीं इन लक्षणों के लिए आइ-ब्रुफेन नामक दवा इस समय बाजार में मिल रहr है। इसे खाने की सलाह अधिकतर डॉक्टर भी दे रहे हैं। क्योंकि यह एक एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग है, जो सूजन, दर्द आदि बीमारियों में इस्तेमाल की जाती है। इसलिए इस समय यह लोगों में काफी पॉपुलर भी है। लेकिन क्या यह कोरोना से लड़ने में सक्षम है यह तो स्वास्थ्य विभाग ही बता सकता है। तो आइए जानते हैं कि आखिर रिसर्च क्या कहता है?

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दर्द और बुखार के लिए आइ-ब्रुफेन नामक दवा कारगर है लेकिन रिसर्च कहता है कि यह कोविड-19 इंफेक्शन में खाने से हमें नुकसान हो सकता है। क्योंकि यह एक खास एंजाइम बूस्ट करता है, जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है। इससे मरीज की हालत और ज्याद गंभीर हो सकती है। यह बात केवल शोध में ही नहीं बल्कि फ्रांस के हेल्थ मिनिस्टर ने भी ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा कि संक्रमित मरीजों को आइ-ब्रुफेन नामक दवा ना दें क्योंकि इससे कोरोना वायरस के लक्षण और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं।

फ्रांस के हेल्थ मिनिस्टर के दावे के बाद डॉक्टर और एक्सपर्ट ने भी इस बारे में अपनी राय दी। सभी कहना है कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि आइ-ब्रुफेन के इस्तेमाल से कोरोना वायरस के मरीजों के लिए यह खतरनाक है। ऐसी स्थिति में अब आम लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स भी कंफ्यूज है कि कोरोना वायरस के मरीजों को यह दवा देनी चाहिए या नहीं? ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन सभी शंकाओं को मिटाते हुए अपना पक्ष रखा है।  

आयबूप्रोफेन का इस्तेमाल न करें: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस मामले में वह अभी जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन तब तक के लिए उन्होंने यह सुझाव दिया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अगर अपने आप दवा खा रहे हैं, तो वो पैरासिटामॉल का इस्तेमाल करें, आइ-ब्रुफेन का नहीं। WHO के अनुसार यह काफी जरुरी भी है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अगर कोई हेल्थ केयर प्रोफेशनल प्रेस्क्राइब करता है तो, वह उसकी विशेषज्ञता के ऊपर है।

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